फिर शांख़ पर फूल खिला है कोई...
उफ ! इस क़दर तेज़ हवा के झोंके
फिर शांख़ पर फूल खिला है कोई...
"चौहान"
...
जिनको ग़म ही नही कुछ शिकायत का
उनसे शिकवा करें क्या मुहोबब्त का...
"चौहान"
...
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