चलो अच्छा है
वो देखता है मुड़ कर हमें चलो अच्छा हैहै याद अब तक सब कुछ उसे चलो अच्छा है ..."चौहान"लिखता हूं तो लगता हैआप पढ़ोगे जैसेपढ़ता हूं तो लगता हैकि अक्षरों में आप हैं जैसे..."चौहान"
यूं ही हर बात पे तेरा यूं है कहनाये अंदाज-ए- बयां’ उफ कातिल सा है ज़ालिम..."चौहान"
लिखता हूं तो लगता हैआप पढ़ोगे जैसेपढ़ता हूं तो लगता हैकि अक्षरों में आप हैं जैसे..."चौहान"
यूं ही हर बात पे तेरा यूं है कहनाये अंदाज-ए- बयां’ उफ कातिल सा है ज़ालिम..."चौहान"
ये नज़्में, ग़ज़लें, नगमे तू लिखता रह ’चौहान"आवाज़-ए-दिल है या शब्द ये पढ़ने वाले पर छोड़...’चौहान"मैं समझता हूंअप समझते हैं हमें ..."चौहान"...
सियासत तो लोग करते हैं
लीडर तो उनका फायदा उठाते हैं बस...
"चौहान"
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