नज़रों से क्यों मारते हो
कातिल हो तो कातोल सी बात करो नायूं नज़रों से क्यों मारते हो..."चौहान"
मेरी किस्मत के सितारे यूं गुम से थे
हमें वो ही ना मिले कि जो हम से थे...
"चौहान"
मेरी किस्मत के सितारे यूं गुम से थे
हमें वो ही ना मिले कि जो हम से थे...
"चौहान"
जहां जहां भी जला दिल वहां कोई धूआं नहीं था
कमाल ये थी कि दिल को जलाने वाला भी वहीं था ...
"चौहान
....
हां मैं देखता हूं लम्बी गहरी रात
हां मैं सुनता हूं चांद की चांद से होती बात
हां मैं महसूस करता हूं कोने में पड़े दिये को
रौशन करने के लिए जलती बाती का दर्द
हां मैं देखता हूं
सुनता हूं
महसूस भी करता हूं ...
"चौहान"
...
हां मैं देखता हूं लम्बी गहरी रात
हां मैं सुनता हूं चांद की चांद से होती बात
हां मैं महसूस करता हूं कोने में पड़े दिये को
रौशन करने के लिए जलती बाती का दर्द
हां मैं देखता हूं
सुनता हूं
महसूस भी करता हूं ...
"चौहान"
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