तुम्हें दिललगी लिरिक्स इन हिंदी
तुम्हें दिललगी सिखा दें ए दिलअब बातें वफ़ा वुफ़ा की छोड़ोज़ख़्म ए दिल की ये तड़प न मिटे बसकि तलब तुम दवा दुआ की छोड़ो ..."चौहान"
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मैं फिर उनके ख्याल में ख्यालों से उलझ गयाअपने ही इक जवाब में सवालों से उलझ गयाकैसे उनको मिले करार इश्क के बाजार में,जो उलफत के व्यपार में दलालों से उलझ गया ए दिल तेरी प्यास को प्यासा ही समझ सके,तू कयूं गहरी प्यास में पातालों से उलझ गया या रब तू भी कमाल है कमाल है तेरी बंदगी,बंदा जिसके कमाल में सवालों से उलझ गया..."चौहान"
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